Rajasthan Police, Rajasthan patwari RPSC, RAS, TEACHERS AND ALL RAJASTHAN ONE DAY COMPETITIVE EXAME GK
परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी महत्त्वपूर्ण तथ्य :
• राजस्थान का एकीकरण सात चरणों में सम्पन्न हुआ।
एकीकरण का श्रेय-सरदार वल्लभ भाई पटेल।
एकीकरण का प्रारम्भ 18 मार्च, 1948 से शुरु होकर 1 नवम्बर, 1956 को पूर्ण हुआ।
एकीकरण में 8 वर्ष 7 माह 14 दिन का समय लगा।
बाँसवाड़ा के महारावल चन्द्रवीर सिंह ने राजस्थान संघ के निर्माण के समय विलय पत्र पर हस्ताक्षर
करते समय यह कहा कि "मैं अपने डेथ वारन्ट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ।"
जोधपुर् का शासक हणूत सिंह पाकिस्तान में मिलना चाहता था, लेकिन वी.पी. मेनन और लॉर्ड
माउण्टबेटन ने बड़ी चतुराई भारत में शामिल होने के लिए राजी कर लिया।
वर्तमान राजस्थान का स्वरूप 1 नवम्बर, 1956 को अस्तित्व में आया।
राज्य की 160 सदस्य प्रथम विधानसभा का गठन 29 फरवरी, 1952 को हुआ।
टीकाराम पालीवाल राज्य के प्रथम निर्वाचित लोकतांत्रिक सरकार के मुख्यमंत्री बने।
नरोत्तम लाल जोशी को विधानसभा का प्रथम अध्यक्ष चुना गया।
अजमेर-मेरवाड़ा सी श्रेणी का राज्य था जिसकी अलग विधानसभा धार सभा थी तथा हरिभाऊ
उपाध्याय वहाँ के मुख्यमंत्री थे।
नवगठित राजस्थान में कुल 25 जिले बनाए गए जिन्हें पाँच संभागों (जयपुर, जोधपुर, उदयपुर,
बीकानेर व कोटा) में विभाजित किया गया।
1 नवम्बर 1956 को फजल अली की अध्यक्षता में राज्य का पुनर्गठन किया गया और
अजमेर-मेरवाड़ा क्षेत्र भी राजस्थान में सम्मिलित कर लिया गया।
अजमेर राज्य का 26वाँ जिला बना व जयपुर संभाग का नाम बदलकर अजमेर संभाग कर दिया
गया।
अप्रैल, 1962 को धौलपुर राज्य का 27वाँ जिला बनाया गया।
26 जनवरी, 1987 को हरिदेव जोशी की सरकार ने राज्य को 6 संभागों जयपुर, अजमेर, जोधपुर.
उदयपुर, कोटा, बीकानेर में बांटकर संभागीय व्यवस्था पुनः शुरु की।
10 अप्रैल, 1991 को बारौं, दौसा और राजसमंद जिले बनाए गए।
12 अप्रैल, 1994 को हनुमानगढ़ 31वाँ जिला बना।
19 जुलाई, 1997 को करौली 32वाँ जिला बना।
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By: Online Govt University